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"हमारे सुर से किसी का सिँगार हो तो हो / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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− | |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
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− | |संग्रह= सौ गुलाब खिले / गुलाब खंडेलवाल
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− | [[Category:गज़ल]]
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− | हमारे सुर से किसी का सिँगार हो तो हो
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− | खिलेंगे हम भी कभी अब बहार हो तो हो
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− | उन्होंने आज हमें मुस्कुराके देख लिया
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− | इस एक बात की चर्चा हज़ार हो तो हो
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− | दुबारा फिर कभी आँखों में रंग आता नहीं
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− | नज़र का खेल है बस एक बार हो तो हो
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− | सिवा तुम्हारे कोई मन में दूसरा न रहे
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− | भले ही थोड़ा-सा दुनिया से प्यार हो तो हो
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− | मिलेगा चैन तो धरती की गोद में ही हमें
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− | नज़र की दौड़ सितारों के पार हो तो हो
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− | बसी है दिल में तो उनके गुलाब की ख़ुशबू
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− | गले में और भी फूलों का हार हो तो हो
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00:14, 9 जुलाई 2011 के समय का अवतरण