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"कहते रहे हैं दिल की कहानी सभी से हम / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
 
|संग्रह=कुछ और गुलाब  / गुलाब खंडेलवाल
 
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कहते रहे हैं दिल की कहानी सभी से हम
 
दुःख एक का सुनने से हुआ दूसरे से कम
 
 
यों तो था हमसे छूट गया कारवाँ का साथ
 
फिर भी चले ही आये हैं तुम तक क़दम-क़दम
 
 
तीमारदारियाँ तो बहुत कर रहे हैं दोस्त
 
जब जायेगी ये जान तभी जायेगा ये ग़म
 
 
चुप भी रहा जो कोई हमें देखकर तो क्या!
 
अच्छा है दिल के वास्ते कुछ तो रहा भरम
 
 
यों तो हरेक हवा तेरे तिरछे रही गुलाब
 
मिलती रही हैं फिर भी पुतलियाँ किसीकी नम
 
<poem>
 

00:25, 9 जुलाई 2011 के समय का अवतरण