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"आपके दिल में हमारी भी चाह है कि नहीं! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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पर इधर आपकी तिरछी निगाह है कि नहीं! | पर इधर आपकी तिरछी निगाह है कि नहीं! | ||
01:43, 9 जुलाई 2011 का अवतरण
आपके दिल में हमारी भी चाह है कि नहीं!
कहीं आगे भी सितारों के राह है कि नहीं!
यह तो किस मुँह से कहें आप हमारे हो जायँ
पर हमें अपना बनाने की चाह है कि नहीं!
आपका दर न सही, राह का पत्थर ही सही
हमको हर हाल में होना तबाह है कि नहीं!
यह तो किस्मत न हुई, खुलके सामने हों कभी
पर इधर आपकी तिरछी निगाह है कि नहीं!
झुकके आँखों में किसी की ये पूछते हैं गुलाब
'आपके दिल में पहुँचने की राह है कि नहीं!'