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"यों नज़र से नज़र नहीं मिलती / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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क्यों झलक उम्र भर नहीं मिलती! | क्यों झलक उम्र भर नहीं मिलती! | ||
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राह आगे की पर नहीं मिलती | राह आगे की पर नहीं मिलती | ||
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01:46, 10 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
यों नज़र से नज़र नहीं मिलती
दिल की धड़कन अगर नहीं मिलती
सारी दुनिया की है ख़बर हमको
एक अपनी ख़बर नहीं मिलती
उनके आँचल की मिल रही है हवा
बेसुधी बेअसर नहीं मिलती
हमने माना कि पास हो हरदम
क्यों झलक उम्र भर नहीं मिलती!
बाग़ से आये तो निकलके गुलाब
राह आगे की पर नहीं मिलती