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* [[कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिये / दुष्यंत कुमार]]
* [[ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दुहरा हुआ होगा / दुष्यंत कुमार]]
* [[अपाहिज व्यथा / दुष्यंत कुमार]]