भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अनन्त आलोक" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: == शीर्षक == मुक्तक अब आदमी का इक नया प्रकार हो गया आदमी का आदमी शि…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:36, 13 जुलाई 2011 का अवतरण
शीर्षक
मुक्तक
अब आदमी का इक नया प्रकार हो गया आदमी का आदमी शिकार हो गया जरुरत नहीं आखेट को अब कानन गमन की शहर में ही गोश्त का बाजार हो गया |