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"फूल आँगन में उगा देता है / अशोक आलोक" के अवतरणों में अंतर

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फूल ऑंगन में उगा देता है
 
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आस जीने की जगा देता है
 
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जब भी आता बहार का मौसम
 
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ग़ैर से उम्मीद भला क्या रखिए
 
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जबकि अपना ही दगा देता है
 
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ज़ख़्म देने का सिलसिला रखकर
 
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जो भी देता है सगा देता है
 
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दिल की चौखट से भगा देता है
 
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13:10, 14 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

फूल ऑंगन में उगा देता है
आस जीने की जगा देता है

जब भी आता बहार का मौसम
आग दामन में लगा देता है

ग़ैर से उम्मीद भला क्या रखिए
जबकि अपना ही दगा देता है

ज़ख़्म देने का सिलसिला रखकर
जो भी देता है सगा देता है

साथ रखता है उम्रभर लेकिन
दिल की चौखट से भगा देता है