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"जय हो, हे हिन्दी उद्धारक! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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चिंता मत करना, आँधी से पर्वत नहीं हिलेंगे | चिंता मत करना, आँधी से पर्वत नहीं हिलेंगे | ||
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इस फौलादी वक्ष:स्थल पर सब आघात झिलेंगे | इस फौलादी वक्ष:स्थल पर सब आघात झिलेंगे | ||
निश्चय कभी सूर-तुलसी से ग़ालिब-मीर मिलेंगे | निश्चय कभी सूर-तुलसी से ग़ालिब-मीर मिलेंगे |
01:10, 20 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
भारत-रत्न श्री पुरुषोत्तमदास टंडन के प्रति
जय हो, हे हिन्दी उद्धारक!
राष्ट्रव्रती! राजर्षि! राष्ट्रभाषा के मंत्रोच्चारक!
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चिंता मत करना, आँधी से पर्वत नहीं हिलेंगे
जहाँ बहा है ख़ून तुम्हारा वहाँ गुलाब खिलेंगे
इस फौलादी वक्ष:स्थल पर सब आघात झिलेंगे
निश्चय कभी सूर-तुलसी से ग़ालिब-मीर मिलेंगे
हिन्दी को हम बना सकेंगे सही तुम्हारा स्मारक
जय हो, हे हिन्दी उद्धारक!
राष्ट्रव्रती! राजर्षि! राष्ट्रभाषा के मंत्रोच्चारक!