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"आज तो पूनो मचल पड़ी / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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अलकों में मुक्ताहल भरके | अलकों में मुक्ताहल भरके | ||
− | भाल बीच शशि | + | भाल बीच शशि बिंदी भर के |
− | हँसी | + | हँसी सिँगार सोलहों करके |
− | नभ पर खड़ी खड़ी | + | नभ पर खड़ी-खड़ी |
फूलों ने की हँसी ठिठोली | फूलों ने की हँसी ठिठोली | ||
− | किसे रिझाने | + | किसे रिझाने चकई बोली |
वह न लाज से हिली न डोली | वह न लाज से हिली न डोली | ||
− | भू में गड़ी गड़ी | + | भू में गड़ी-गड़ी |
− | चंदन चर्चित अंग सुहावन | + | चंदन-चर्चित अंग सुहावन |
− | झिलमिल | + | झिलमिल स्वर्णांचल मनभावन |
चम्पक वर्ण, कपोल लुभावन | चम्पक वर्ण, कपोल लुभावन | ||
− | आँखें बड़ी बड़ी | + | आँखें बड़ी-बड़ी |
आज तो पूनो मचल पड़ी | आज तो पूनो मचल पड़ी | ||
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01:29, 20 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
आज तो पूनो मचल पड़ी
अलकों में मुक्ताहल भरके
भाल बीच शशि बिंदी भर के
हँसी सिँगार सोलहों करके
नभ पर खड़ी-खड़ी
फूलों ने की हँसी ठिठोली
किसे रिझाने चकई बोली
वह न लाज से हिली न डोली
भू में गड़ी-गड़ी
चंदन-चर्चित अंग सुहावन
झिलमिल स्वर्णांचल मनभावन
चम्पक वर्ण, कपोल लुभावन
आँखें बड़ी-बड़ी
आज तो पूनो मचल पड़ी