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मन कैसे 'सीताराम' कहे! / गुलाब खंडेलवाल
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21:26, 21 जुलाई 2011
यों लांछना सहे!
जब ले चले सती को
लक्षमण
लक्ष्मण
भूला कभी आपको वह क्षण!
प्राणप्रिया को दे निर्वासन
Vibhajhalani
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