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"कोयल पंचम सुर में बोली / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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मधुर सुरों ने ज्यों अंतर की दुखती गाँठ टटोली | मधुर सुरों ने ज्यों अंतर की दुखती गाँठ टटोली | ||
शांत प्रकृति के उर में फिर से लहर प्यार की डोली | शांत प्रकृति के उर में फिर से लहर प्यार की डोली | ||
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जो रहस्य की बात आज तक नहीं गयी थी खोली | जो रहस्य की बात आज तक नहीं गयी थी खोली | ||
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नाच रही है स्मृति में कोई चितवन भोली-भोली | नाच रही है स्मृति में कोई चितवन भोली-भोली | ||
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कोयल पंचम सुर में बोली | कोयल पंचम सुर में बोली | ||
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03:18, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
कोयल पंचम सुर में बोली
मधुर सुरों ने ज्यों अंतर की दुखती गाँठ टटोली
शांत प्रकृति के उर में फिर से लहर प्यार की डोली
रंग-बिरंगे फूल आ गये बना-बनाकर टोली
जो रहस्य की बात आज तक नहीं गयी थी खोली
फैल गयी है वह घर-घर में बनकर एक ठिठोली
तेरा वह छिपकर आना, मुख पर मल देना रोली
जाने कैसे पल भर में ही थी अनहोनी हो ली
नाच रही है स्मृति में कोई चितवन भोली-भोली
फिर गुलाब की पंखड़ियों से भर ली मैंने झोली
कोयल पंचम सुर में बोली