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"कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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सकुचता, सिहरता, सहमता, लजाता
 
सकुचता, सिहरता, सहमता, लजाता
खुद अपनी ही आँखों से आँखें चुराता  
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ख़ुद अपनी ही आँखों से आँखें चुराता  
 
उतर चाँद ज्यों झील में झिलमिलाता  
 
उतर चाँद ज्यों झील में झिलमिलाता  
नजर आ रहा है सवेरे-सवेरे
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नज़र आ रहा है सवेरे-सवेरे
 
 
 
 
 
ये आँखों की अनबूझ, अनमोल भाषा 
 
ये आँखों की अनबूझ, अनमोल भाषा 
 
पलटकर ये फिर लौटने का दिलासा
 
पलटकर ये फिर लौटने का दिलासा
 
ये बिंदी मिटी-सी, ये काजल पुँछा-सा  
 
ये बिंदी मिटी-सी, ये काजल पुँछा-सा  
गजब ढा रहा है सवेरे-सवेरे  
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ग़ज़ब ढा रहा है सवेरे-सवेरे  
 
 
 
 
नजर अब भी सपनों में खोयी हुई है  
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नज़र अब भी सपनों में खोयी हुई है  
 
हँसी ज्यों शहद में डुबोई हुई है  
 
हँसी ज्यों शहद में डुबोई हुई है  
कोई तान होठों पे सोयी हुई है  
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कोई तान होँठों पे सोयी हुई है  
 
जिसे गा रहा है सवेरे-सवेरे  
 
जिसे गा रहा है सवेरे-सवेरे  
  
 
कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे  
 
कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे  
 
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03:53, 22 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे

सकुचता, सिहरता, सहमता, लजाता
ख़ुद अपनी ही आँखों से आँखें चुराता
उतर चाँद ज्यों झील में झिलमिलाता
नज़र आ रहा है सवेरे-सवेरे
 
ये आँखों की अनबूझ, अनमोल भाषा 
पलटकर ये फिर लौटने का दिलासा
ये बिंदी मिटी-सी, ये काजल पुँछा-सा
ग़ज़ब ढा रहा है सवेरे-सवेरे
 
नज़र अब भी सपनों में खोयी हुई है
हँसी ज्यों शहद में डुबोई हुई है
कोई तान होँठों पे सोयी हुई है
जिसे गा रहा है सवेरे-सवेरे

कोई जा रहा है सवेरे-सवेरे