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"बेदिली क्या यूँ ही दिल गुज़र / जॉन एलिया" के अवतरणों में अंतर
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− | बेदिली क्या यूँ ही | + | बेदिली! क्या यूँ ही दिन गुजर जायेंगे |
− | + | सिर्फ़ ज़िन्दा रहे हम तो मर जायेंगे | |
− | ये खराब | + | ये खराब आतियाने, खिरद बाख्ता |
− | सुबह होते ही सब काम पर | + | सुबह होते ही सब काम पर जायेंगे |
कितने दिलकश हो तुम कितना दिलजूँ हूँ मैं | कितने दिलकश हो तुम कितना दिलजूँ हूँ मैं |
09:55, 28 जुलाई 2011 का अवतरण
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बेदिली! क्या यूँ ही दिन गुजर जायेंगे
सिर्फ़ ज़िन्दा रहे हम तो मर जायेंगे
ये खराब आतियाने, खिरद बाख्ता
सुबह होते ही सब काम पर जायेंगे
कितने दिलकश हो तुम कितना दिलजूँ हूँ मैं
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएंगे