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"सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता-आहिस्ता / अमीर मीनाई" के अवतरणों में अंतर

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कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब आहिस्ता-आहिस्ता  
 
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सवाल-ए-वस्ल पर उन को उदू का ख़ौफ़ है इतना  
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दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता  
 
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इधर तो जल्दी जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता  
 
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वो बेदर्दी से सर काटे 'आमीर' और मैं कहूँ उन से  
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वो बेदर्दी से सर काटे 'अमीर' और मैं कहूँ उन से  
 
हुज़ूर आहिस्ता-आहिस्ता जनाब आहिस्ता-आहिस्ता
 
हुज़ूर आहिस्ता-आहिस्ता जनाब आहिस्ता-आहिस्ता

01:05, 29 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

 
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता-आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता-आहिस्ता

जवाँ होने लगे जब वो तो हम से कर लिया पर्दा
हया यकलख़त आई और शबाब आहिस्ता-आहिस्ता

शब-ए-फ़ुर्कत का जागा हूँ फ़रिश्तों अब तो सोने दो
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब आहिस्ता-आहिस्ता

सवाल-ए-वस्ल पर उन को अदू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता

हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क़ है इतना
इधर तो जल्दी जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता

वो बेदर्दी से सर काटे 'अमीर' और मैं कहूँ उन से
हुज़ूर आहिस्ता-आहिस्ता जनाब आहिस्ता-आहिस्ता