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"सपना जो नहीं होता / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर
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झूठा है वह सच
सपना नहीं जो होता—
सपने में ही जीना
सपने को चाहे सच होना है उसका
झूठ को जियो कितना ही
सच नहीं होता वह
जिऊँ चाहे सपने-सा
तुम्हें
सच तुम ही हो मेरा.