भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सपने में- एक / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह= }}<poem>देखा सपने में मैंन…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:03, 3 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
देखा सपने में
मैंने
अपने को
देखते हुए सपना
--और ईश्वर हो गया
जागता हुआ सपने में.