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"यह सितारों से भरी रात हमारी कब थी! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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आपके प्यार की सौग़ात हमारी कब थी!
 
आपके प्यार की सौग़ात हमारी कब थी!
  
कोई छींटा कभी उड़ता हुआ आया भी तो क्या
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कोई छीँटा कभी उड़ता हुआ आया भी तो क्या!
 
झमझमाती हुई बरसात हमारी कब थी!
 
झमझमाती हुई बरसात हमारी कब थी!
  
था वही बाग़, वही फूल, वही तुम थे मगर
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फिर बहारों से मुलाक़ात हमारी कब थी!
 
फिर बहारों से मुलाक़ात हमारी कब थी!
  

02:16, 12 अगस्त 2011 के समय का अवतरण


यह सितारों से भरी रात हमारी कब थी!
आपके प्यार की सौग़ात हमारी कब थी!

कोई छीँटा कभी उड़ता हुआ आया भी तो क्या!
झमझमाती हुई बरसात हमारी कब थी!

था वही बाग़, वही फूल, वही तुम थे, मगर
फिर बहारों से मुलाक़ात हमारी कब थी!

आख़िरी वक़्त निगाहों में खिल उठे थे गुलाब
उनकी महफ़िल में चली बात हमारी कब थी!