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सदस्य:Gopal krishna bhatt 'Aakul'

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मुक्‍तक 1वक्‍़त '''साहि‍त्यिक यात्रा-''' 1975 से विभि‍न्न पत्र पत्रि‍काओं यथा नन्दन, बालभारती, चम्पक, रंगायन, योजना आदि‍ में बाल पहेलि‍याँ, कहानी, कवि‍तायें, नाटक, लेख आदि‍ प्रकाशि‍त। 1993 से 2008 तक उ0 प्र0 के अग्रणी समाचार पत्र आगरा से ‘अमर उजाला’ में वर्गपहेली स्त्म्भ‍ में दैनि‍क वर्ग पहेली, आगरा के घावों को वक्‍़त ही मरहम लगायेगा।‘अकिंचन भारत’, म0प्र0 भोपाल के नवभारत, अंग्रेजी सांध्य दैनि‍क ‘क्रोनि‍कल’ और गुजरात के सर्वप्रथम हि‍न्दीं दैनि‍क ‘गुजरात वैभव’ में दैनि‍क हि‍न्दी वर्ग पहेली का प्रकाशन। अब तक 6000 से अधि‍क हि‍न्दी‍ और 400 अंग्रेजी वर्ग पहेली का प्रकाशन। वर्तमान में ई पत्रि‍का ‘अभि‍व्यक्‍ति‍’ (abhivyakti-hindi.org) में वर्गपहेली का नि‍रंतर प्रकाशन।वक्‍़त ही अपने परायों '''प्रकाशन-''' ई पत्रि‍कायें अनुभूति‍, अभि‍व्यक्ति, हि‍न्दयुग्म, नवगीत की पहचान करायेगा।पाठशाला, हि‍न्दी‍ गौरव, एवं शि‍वम्, दृष्टिकोण, शब्द प्रवाह आदि‍ देश की अनेकों पत्र पत्रि‍कओं में कवि‍तायें, लघु कथायें, आलेख, कहानी आदि‍ प्रकाशि‍त। '''कृति‍याँ-''' (तीन पुस्तकें) 1- प्रति‍ज्ञा (महाभारत की पृष्ठभूमि‍ पर एक महानायक पात्र ‘कर्ण’ पर आधारि‍त) नाटक (1995), प्रकाशक- लेखक स्व‍यं 2- पत्थ‍रों का शहर (हि‍न्दी-उर्दू गीत ग़ज़ल और नज्में) (2008), प्रकाशक, जनवादी लेखक संघ, कोटा; 3- जीवन की गूँज (काव्य संग्रह) (2010) प्रकाशक- लेखक स्व‍यं।वक्‍़त '''सम्पादन-''' (9 पुस्तकें)- 1- कचरे का ड्रम(व्यंग्य़ काव्य ) लेखक- वि‍जेन्द्र जैन; 2-माटी की हर शै पुकार (देशभक्ति काव्य) लेखक-बृजेन्द्र सिंह झाला पुखराज; 3-तलाश (काव्य) लेखक- लेखराज ‘राज’; 4- जनवाद का चश्‍मदीद प्रहरी (क्रांति‍कारी काव्य) लेखक- रेखानन्द बरोड़; 5- सच तो है आईना(काव्य) लेखक- मदन राठौड़; 6- सोच ले तू कि‍धर जा रहा है (उर्दू हि‍न्दी ग़ज़ल संग्रह) लेखक- रघुनाथ मि‍श्र; 7- मोती (काव्य) लेखक- नरेन्द्र कुमार चक्रवर्ती ‘मोती’; 8- जन जन नाद (हाड़ौती के जनवादी कवि‍यों की रचनायें) प्रकाशक- जनवादी लेखक संघ,पीछे मुड़ कोटा; 9- अनमोल वि‍चार (आध्यात्म) लेखक- सीता राम डाँगी एवं 2001 से 2007 तक फ्रेण्ड्स हेल्पलाइन, कोटा की मैत्री सेतु मासि‍क पत्रि‍का ‘कृतज्ञ यज्ञ संकल्प’ के देखा तो वक्‍़त नि‍कल जायेगा।प्रधान सम्पादक के रूप में कार्य। '''सम्मान एवं उपाधि‍-''' (1) सन् 2000 में जि‍ला सूचना केन्द्र , कोटा द्वारा ‘हि‍न्दी दि‍वस’ पर नारा (स्लोगन) प्रति‍योगि‍ता में जि‍ले में प्रथम (2मुझे हर ग़ज़ल मज्‍़मूअ: दीवान लगता है।हर सफ़्हा क़ि‍ताबों का कुरान लगता है।सुना है हर मुल्‍क़ ) 2011 में बसे हैं हि‍न्‍दुस्‍तानीशब्द प्रवाह साहि‍त्यिक मंच,मुझे सारा संसार हि‍न्‍दुस्‍तान लगता है।उज्जैन (म0प्र0) द्वारा पुस्त‍क ‘जीवन की गूँज’ अखि‍ल भारतीय साहि‍त्य सम्मा्न 2011 से पुरस्कृत और ‘शब्द‍ श्री’ की मानद उपाधि (27 मार्च 2011)‍(3) पं0 बृज बहादुर पाण्डेय स्मृति‍ सम्मान, 2011 में ही बहराइच (उ0प्र0) में (1 जून 2011) । (4) अखि‍ल भारतीय साहि‍त्य संगम, उदयपुर द्वारा अखि‍ल भारतीय साहि‍त्य् सम्मान 2011 के लि‍ए ‘काव्य केसरी’ मानद सम्मानोपाधि‍ ।