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"मुश्क़िलों का प्रलाप क्या करना / नवीन सी. चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
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22:32, 29 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
मुश्क़िलों का प्रलाप क्या करना
बेहतर है मुकाबला करना
वो ही मेंढक कुएं से बाहर हैं
जिनको आता है फैसला करना
जिस की बुनियाद ही मुहब्बत हो
उस की तारीफ़ यार क्या करना
जब वो खुद को तलाश लें, खुद में
बेटियों को तभी विदा करना
हम वो बुनकर जो बुनते हैं चादर
हमको भाए न चीथड़ा करना
हम तो खुद ही निसार हैं तुम पर
चाँद-तारे निसार क्या करना
बातें करते हुए - हुई मुद्दत
आओ सोचें, कि अब है क्या करना