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"तब आई ये पन्द्रह अगस्त / नवीन सी. चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
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− | सब चेहरे दिखने लगे मस्त | + | |
− | परचम लहराने लगे हस्त | + | जुङ गये वीर बांके समस्त |
− | जब अंग्रेजों को दी शिकस्त | + | घर घर से होने लगी गश्त |
− | तब आयी ये पन्द्रह अगस्त | + | चुन चुन मारे फिरका परस्त |
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− | है प्रगतिशील हर एक दस्त | + | |
− | है हिन्द विश्व से फिर बवस्त | + | सब चेहरे दिखने लगे मस्त |
− | हैं नीति हमारी सुविश्वस्त | + | परचम लहराने लगे हस्त |
− | बस याद रहे पन्द्रह अगस्त | + | जब अंग्रेजों को दी शिकस्त |
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+ | हैं नीति हमारी सुविश्वस्त | ||
+ | बस याद रहे पन्द्रह अगस्त | ||
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17:46, 30 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
पहले से ही था क्षोभ ग्रस्त
अत्याचारों से हुआ त्रस्त
जब आम आदमी हुआ व्यस्त
तब आयी ये पन्द्रह अगस्त
बलिदानी थे, थे वरद हस्त
विख्यात हुए, कुछ रहे अस्त
जब चले साथ मिल, सर परस्त
तब आयी ये पन्द्रह अगस्त
जब हुआ क्रान्ति का पथ प्रशस्त
मतभेद हुए सारे निरस्त
घातक मनसूबे हुए ध्वस्त
तब आयी ये पन्द्रह अगस्त
जुङ गये वीर बांके समस्त
घर घर से होने लगी गश्त
चुन चुन मारे फिरका परस्त
तब आयी ये पन्द्रह अगस्त
सब चेहरे दिखने लगे मस्त
परचम लहराने लगे हस्त
जब अंग्रेजों को दी शिकस्त
तब आयी ये पन्द्रह अगस्त
है प्रगतिशील हर एक दस्त
है हिन्द विश्व से फिर बवस्त
हैं नीति हमारी सुविश्वस्त
बस याद रहे पन्द्रह अगस्त