भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"भूलने के विरुद्ध / अग्निशेखर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अग्निशेखर |संग्रह=जवाहर टनल / अग्निशेखर }} {{KKCatKavita}} <…)
 
(कोई अंतर नहीं)

18:54, 30 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

कहा तुमने
यों तो साफ़ थीं दीवारें
अलबत्ता दो लाचार हाथों के
फिसले हुए निशान थे
नीचे ज़मीन तक सरक आये

कोई नहीं था वहाँ
दीवार के सामने
सिर्फ थी
गोली चलने की अदीख घटना

और थी खड़ी
भूल जाने के विरुद्ध
चुप दीवार

कहा तुमने
यहीं से शुरू होती है
तुम्हारी कविता