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"मेरे लिए कभी / चाँद शेरी" के अवतरणों में अंतर
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बरसात होगी अश्क की मेरे लिए कभी। | बरसात होगी अश्क की मेरे लिए कभी। | ||
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रोया करेंगे आप भी मेरे लिए कभी। | रोया करेंगे आप भी मेरे लिए कभी। | ||
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ढक जायेगी गुलों से मेरी क़ब्र देखना, | ढक जायेगी गुलों से मेरी क़ब्र देखना, | ||
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ऐसी बहार आएगी मेरे लिए कभी। | ऐसी बहार आएगी मेरे लिए कभी। | ||
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ऐ ज़ख़्म दे के भूलने वाले ज़रा बता, | ऐ ज़ख़्म दे के भूलने वाले ज़रा बता, | ||
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मरहम की तूने फ़िक्र की मेरे लिए कभी। | मरहम की तूने फ़िक्र की मेरे लिए कभी। | ||
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दोज़ख़ बनी है आज वो मेरे फ़िराक़ में, | दोज़ख़ बनी है आज वो मेरे फ़िराक़ में, | ||
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दुनिया जो एक स्वर्ग थी मेरे लिए कभी। | दुनिया जो एक स्वर्ग थी मेरे लिए कभी। | ||
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'शेरी' न था खयाल कि महँगी पड़ेगी यूँ, | 'शेरी' न था खयाल कि महँगी पड़ेगी यूँ, | ||
− | + | इक बेवफ़ा की दोस्ती मेरे लिए कभी। | |
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22:31, 30 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
बरसात होगी अश्क की मेरे लिए कभी।
रोया करेंगे आप भी मेरे लिए कभी।
ढक जायेगी गुलों से मेरी क़ब्र देखना,
ऐसी बहार आएगी मेरे लिए कभी।
ऐ ज़ख़्म दे के भूलने वाले ज़रा बता,
मरहम की तूने फ़िक्र की मेरे लिए कभी।
दोज़ख़ बनी है आज वो मेरे फ़िराक़ में,
दुनिया जो एक स्वर्ग थी मेरे लिए कभी।
'शेरी' न था खयाल कि महँगी पड़ेगी यूँ,
इक बेवफ़ा की दोस्ती मेरे लिए कभी।