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यह सोचने वाला पेड़
 
यह सोचने वाला पेड़
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उलट गया जमीन पर
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कितने दिन रहेगा
 
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तना हुआ मेरा पेड़-रूपी बदन ?
 
तना हुआ मेरा पेड़-रूपी बदन ?
  
रोज चलती है
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धीरे-धीरे काटता है
 
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जड़ों को जीवन
 
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अब
 
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यह गर्व फिजूल
मेरी जड़े
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जमीन में कितनी गहरी हैं ?
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'''अनुवाद : नीरज दइया'''
 
'''अनुवाद : नीरज दइया'''
 
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18:52, 5 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

मेरी जड़ें
ज़मीन में कितनी गहरी हैं
यह सोचने वाला पेड़
आँधी के थपेड़ों से
उलट गया ज़मीन पर
कितने दिन रहेगा
तना हुआ मेरा पेड़-रूपी बदन ?

रोज़ चलती है
यहाँ अभावों की आँधी
धीरे-धीरे काटता है
जड़ों को जीवन

अब
यह गर्व फिजूल
मेरी जड़ें
ज़मीन में कितनी गहरी हैं ?

अनुवाद : नीरज दइया