भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बीजूका : एक अनुभूति / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो (बीजूका : एक अनुभूति / साँवर दइया का नाम बदलकर बीजूका : एक अनुभूति / सांवर दइया कर दिया गया है)
 
(कोई अंतर नहीं)

18:53, 5 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

सिर नहीं
है सिर की जगह
औंधी रखी हंडिया
देह -
लाठी का टुकड़ा
हाथों की जगह पतले डंडे

वस्त्र नहीं है ख़ाकी
फिर भी
क्या मजाल किसी की
एक पत्ता भी चर ले कोई
तुम्हारे होते !

अनुवाद : नीरज दइया