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"सांवली रात / अरुण शीतांश" के अवतरणों में अंतर

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21:05, 6 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

सुबह की पहली किरण
पपनी पर पड़ती गई
और मैं सुंदर होता गया

शाम की अंतिम किरण
अंतस पर गिरती गई
और मैं हरा होता रहा

रात की रौशनी
पूरे बदन पर लिपटती गई
और मैं सांवला होता गया