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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार:''' =रामधारी सिंह "'दिनकर"''' ----------------------------|संग्रह=}} सलिल कण हूँ, या पारावार हूँ मैं स्वयं छाया, स्वयं आधार हूँ मैं
सच् है , विपत्ति जब आती है , <br>
कायर को ही दहलाती है , <br>
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