भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हिन्दी! / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह= }} {{KKCatMoolRajasthani}} {{KKCatKavita}}<poem>…) |
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया | |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=मायड़ रो हेलो / कन्हैया लाल सेठिया |
}} | }} | ||
{{KKCatMoolRajasthani}} | {{KKCatMoolRajasthani}} |
04:45, 11 सितम्बर 2011 का अवतरण
हिन्दी म्हांरी भाण, नहीं कीं
हिन्दी सूं नाराजी ?
चूंघ्या जिण रा बोबा हिन्दी
बा ही जामण म्हांरी,
काळजियै री कोर सरीसी
हिन्दी म्हानै प्यारी,
हिन्दी खातर लगा सकां हां
म्हे सरवस री बाजी !
घणी करी हिन्दी री सेवा
जमनालाल सवाई,
भाईजी हनुमान चाकरी
इण री अटल बजाई,
मालपाणीजी, राममनोहर
खूब हाजरी साजी !
बणा देस री भासा दीनी
म्हे देकर कुरबानी,
म्हारो ही हो त्याग, बात आ
कोनी कीं स्यूं छानी !
इण री बढती देख घणो ही
जीव हुवै है राजी !