"जयप्रकाश मानस / परिचय" के अवतरणों में अंतर
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नाम : '''जयप्रकाश मानस''' | नाम : '''जयप्रकाश मानस''' | ||
मूल नाम : जयप्रकाश रथ | मूल नाम : जयप्रकाश रथ | ||
− | जन्म : 2 अक्टूबर, 1965 | + | जन्म : 2 अक्टूबर, 1965 रायगढ़, छत्तीसगढ़। |
शिक्षा : एम.ए. (भाषा विज्ञान), एम.एस-सी(आई.टी.) | शिक्षा : एम.ए. (भाषा विज्ञान), एम.एस-सी(आई.टी.) | ||
+ | मातृभाषा : ओड़ीया। | ||
− | + | प्रकाशन : 200 से अधिक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित। | |
− | + | कविता संग्रह : तभी तो होती है सुबह, होना ही चाहिए आंगन, अबोले के विरूद्ध। | |
− | + | ललित निबंध : दोपहर में गाँव (पुरस्कृत)। | |
− | कविता संग्रह : | + | आलोचना : कवि की उपस्थिति। |
− | तभी होती है सुबह, होना ही चाहिए | + | बाल गीत : चलो चलें अब झील पर, सब बोले दिन निकला, एक बनेंगे नेक बनेंगे, मिल कर दीप जलाएँ। |
− | + | नवसाक्षरोपयोगी : यह बहुत पुरानी बात है, छत्तीसगढ़ के सखा। | |
− | ललित | + | लोक साहित्य : लोक वीथी, छत्तीसढ़ की लोक कथाएँ (10 भाग), हमारे लोक गीत। |
− | दोपहर | + | भाषा एवं मूल्यांकन : छत्तीसगढ़ी : दो करोड़ की भाषा, बगर गया बसंत (बाल कवि श्री बसंत पर एकाग्र)। |
− | + | संपादन : विहंग (हिन्दी कविता में पक्षी), महत्व: डॉ बलदेव, महत्व: स्वराज प्रसाद त्रिवेदी, एक नई पूरी सुबह, इंटरनेट अपराध और कानून। | |
− | बाल गीत: | + | पत्रिका संपादन : बाल पत्रिका, बाल बोध (मासिक) के 12 अंकों का संपादन, कार्यकारी संपादक- पांडुलिपि (त्रैमासिक)। |
− | चलो चलें अब झील पर | + | अंतरजाल पत्रिका : साहित्यिक वेब पोर्टल सृजनगाथा (srijangatha.com) का पिछले 5 वर्षों से प्रकाशन व संपादन। |
− | सब बोले दिन निकला | + | सम्मान : कादम्बिनी पुरस्कार, टाइम्स ऑफ इंडिया, बिसाहु दास महन्त पुरस्कार, अस्मिता पुरस्कार, अंबेडकर फैलोशिप (दिल्ली), अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण, माता सुंदरी फाउंडेशन पुरस्कार, विद्यावाचस्पति (मानद) आदि। |
− | एक बनेंगे नेक बनेंगे | + | साहित्यिक यात्रा : श्रीलंका, ब्रिटेन, ओमान, संयुक्त अरब अमिरात, थाईलैंड, मॉरिशस। |
− | + | विशेष : ललित निबंध संग्रह/साहित्य पर दो छात्राओं द्वारा शोध कार्य। | |
− | + | संप्रति : छत्तीसगढ़ शासन में अधिकारी। | |
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− | यह बहुत पुरानी बात है | + | |
− | छत्तीसगढ़ के | + | |
− | लोक साहित्य: | + | |
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− | लोक वीथी | + | |
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− | हमारे | + | |
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− | छत्तीसगढ़ी: दो करोड़ | + | |
− | बगर गया | + | |
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− | संपादन: | + | |
− | विहंग ( | + | |
− | महत्व: डॉ | + | |
− | महत्व: स्वराज प्रसाद त्रिवेदी | + | |
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− | पत्रिका संपादन | + | |
− | बाल पत्रिका, बाल बोध (मासिक) के 12 अंकों का संपादन | + | |
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− | सृजनगाथा ( | + | |
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संपर्कः | संपर्कः |
06:06, 11 सितम्बर 2011 का अवतरण
नाम : जयप्रकाश मानस
मूल नाम : जयप्रकाश रथ
जन्म : 2 अक्टूबर, 1965 रायगढ़, छत्तीसगढ़।
शिक्षा : एम.ए. (भाषा विज्ञान), एम.एस-सी(आई.टी.)
मातृभाषा : ओड़ीया।
प्रकाशन : 200 से अधिक पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित।
कविता संग्रह : तभी तो होती है सुबह, होना ही चाहिए आंगन, अबोले के विरूद्ध।
ललित निबंध : दोपहर में गाँव (पुरस्कृत)।
आलोचना : कवि की उपस्थिति।
बाल गीत : चलो चलें अब झील पर, सब बोले दिन निकला, एक बनेंगे नेक बनेंगे, मिल कर दीप जलाएँ।
नवसाक्षरोपयोगी : यह बहुत पुरानी बात है, छत्तीसगढ़ के सखा।
लोक साहित्य : लोक वीथी, छत्तीसढ़ की लोक कथाएँ (10 भाग), हमारे लोक गीत।
भाषा एवं मूल्यांकन : छत्तीसगढ़ी : दो करोड़ की भाषा, बगर गया बसंत (बाल कवि श्री बसंत पर एकाग्र)।
संपादन : विहंग (हिन्दी कविता में पक्षी), महत्व: डॉ बलदेव, महत्व: स्वराज प्रसाद त्रिवेदी, एक नई पूरी सुबह, इंटरनेट अपराध और कानून।
पत्रिका संपादन : बाल पत्रिका, बाल बोध (मासिक) के 12 अंकों का संपादन, कार्यकारी संपादक- पांडुलिपि (त्रैमासिक)।
अंतरजाल पत्रिका : साहित्यिक वेब पोर्टल सृजनगाथा (srijangatha.com) का पिछले 5 वर्षों से प्रकाशन व संपादन।
सम्मान : कादम्बिनी पुरस्कार, टाइम्स ऑफ इंडिया, बिसाहु दास महन्त पुरस्कार, अस्मिता पुरस्कार, अंबेडकर फैलोशिप (दिल्ली), अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण, माता सुंदरी फाउंडेशन पुरस्कार, विद्यावाचस्पति (मानद) आदि।
साहित्यिक यात्रा : श्रीलंका, ब्रिटेन, ओमान, संयुक्त अरब अमिरात, थाईलैंड, मॉरिशस।
विशेष : ललित निबंध संग्रह/साहित्य पर दो छात्राओं द्वारा शोध कार्य।
संप्रति : छत्तीसगढ़ शासन में अधिकारी।
संपर्कः
जयप्रकाश मानस
पाण्डुलिपि
आवासीय परिसर, माध्यमिक शिक्षा मंडल
पेंशनवाड़ा, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001
मो.-94241-82664
ईमेल-pandulipipatrika@gmail.com, srijangatha@gmail.com