भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जादू की छड़ी / सुधा गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: '''मोटा पाठ''' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधा गुप्ता }} {{KKCatKavita}} <poem> जादू की छड़ी …)
(कोई अंतर नहीं)

13:43, 23 सितम्बर 2011 का अवतरण

मोटा पाठ


जादू की छड़ी
भला कहाँ से पाई
बोल चितेरे !
हज़ारों रंग
यूँ सिलसिलेवार
कैसे बिखेरे ?
धरा बुलाती
चित्रपटी-सी सजी
बड़े सवेरे
बतासा खा के
कचनार शाख़ से
सारिका टेरे
अमराई में
कुहू-कुहू के बोल
शहद सने रे !
घुमाई तूने
कौन-सी जादू छड़ी
बता चितेरे !
-0-