भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्यार किसी का पाले कौन /वीरेन्द्र खरे 'अकेला'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Tanvir Qazee (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वीरेन्द्र खरे 'अकेला' |संग्रह=शेष बची चौथाई रा…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
17:45, 24 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
प्यार किसी का पाले कौन
दिल में आग छुपाले कौन
लुट ही गया ख़जाना यार
अब ले आया ताले कौन
झूठों की इस नगरी में
सच की आदत डाले कौन
बिन रिश्वत करवाया काम
तुम हो क़िस्मत वाले कौन
पेट भरा हो तो सब ठीक
भूखे भजन गवा ले कौन
आप हमें दिल दे बैठे
सोचा होगा टाले कौन
दिल है मोम ‘अकेला’ का
फौलादों में ढाले कौन