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"समय के छोर तक / मधु शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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इस दुख को छलकाए बगै़र
जाना चाहती थी मैं
समय के छोर तक
पर वह कहीं
था ही नहीं
और मैं
छलक पड़ी
बीच राह में...