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"एक वह / निशान्त" के अवतरणों में अंतर
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हजारों-हजार
गुजरते हैं
गली में से
किसी का
पता भी नहीं चलता
एक वह है
जब भी गुजरता है
गंधा देता है
सारी गली
धुएं और धूल से