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"दिखावा है मुहब्बत में किसी की ऐतबारी क्या/पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"" के अवतरणों में अंतर

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08:34, 12 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

दिखावा है मुहब्बत में किसी की ऐतबारी क्या
सभी हैं मस्त अपने में जमूरा क्या मदारी क्या

पठनवा ढूंडता फ़िरता लिए वो हाथ में लठवा
तू लम्बी तान के सोया चुका दी है उधारी क्या
   
टिकटवा रेल का लेवे चढ़े है तू जहजवा में
कभी बैठा भी बसवा में अकल तेरी है मारी क्या

बने अंजान तुम फ़िरते मगर है पेट में दाड़ी
बनाते किसको उल्लू हो खबर हमको न सारी क्या

पटखनी तुमको देंगे हम गिरोगे मुहँ के बल जाकर
भला जब दावँ सीखे हैं हमन को काम भारी क्या