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ज्यूं-ज्यूं नैड़ो घर आवै
म्हारो हिवड़ो भर आवै
ओळूं बादळ बण बरसै
गजबण थारी हर आवै
मन हो जावै बेकाबू
आ रुत कामण कर जावै
प्रीत बावळा पतंगिया
झळ सूं कीकर डर जावै
जग सूं कांई, थे आवो
म्हारो ऐढो सर जावै