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थोड़ी-सी-क हवा लागी है
बिंयां आदमी औ सागी है
बारूं मास भुवाजी रैवै
आदमी असल बडभागी है
बकार्यां गळै पड़ जावैला
मनस्यावां साव नागी है
कोरैपण री बातां बिरथा
चादर ठौड़-ठौड़ दागी है
आं पुड़तां नै धारै कोनी
बीज जलमजात बागी है