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मत कर गीतां रो मोल भायला
पीड़ रा मोती अमोल भयला
उजास उडीकै हवा बुलावै
बंद पड़ी बारी खोल भयला
हरफ अमूजै होठां में तो सुण
तोड़ मून मीठो बोल भयला
औ प्रीत-धागो बंधै एक बार
गांव-गळी-घर मत डोल भायला
औ आभो देख पछै पंख देख
थारी ताकत तूं तोल भायला