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सांस सांस नै तळती चालै
जद आ बैरण बळती चालै
डौल सारू मिलै दाम अठै
चढती चालै ढळती चालै
सजी धजी आ सांवळी नार
रात है रात छळती चालै
हालण लागै हेली, जद आ
रीस रीस में रुळती चालै
प्रीत-जोत बुझै ना मिटै कदै
नित नुंवै रूप पळती चालै