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23:47, 26 फ़रवरी 2008 का अवतरण
रात में जिसे प्यार करता हूँ
दिन में उससे ही घृणा करता हूँ
अंधकार में ही खड़े रहें सब
स्थगित रहे सूर्य का प्रकाश
जब तक मैं बचा हूँ
जानता हूँ रचा गया है सूर्य
जीवन के लिए
अंधकार भी तो रचा गया है
प्रेम के लिए
अंतत: मुझे अंधकार में
उसके साथ
उसके प्रेम के लिए खड़ा रहना है ।