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"आखर री औकात, पृष्ठ- 34 / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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नागा बिरछ
अणमणा हा काल
आज मुळकै
०००

स्सै साज सूना
दिनूंगै-सिंझ्यां बाजै
रोटी रो बाजो
०००

सांस हरखी
संजोग बाड़ी बधी
सांस अमूजै
०००

जी राजी करां
सबदां रा साधक
‘अस्ताद’ कठै
०००

ओढ्‌यो नीं रातो
ऐड़ा सूं पड़्‌यो पानो
खायो नीं तातो
०००