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"सूनापन चहका-चहका / यश मालवीय" के अवतरणों में अंतर
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+ | अभिवादन बादल-बादल | ||
+ | ख़बर लिये वन-उपवन की | ||
+ | कितने आशीर्वाद लिये | ||
+ | पहली बरखा सावन की | ||
− | + | बरस-बरस हैं घन बरसे | |
− | + | अब की भी घुमड़े बरसे | |
− | + | लेकिन पिछली ऋतु जैसे | |
− | + | मन के हिरन नहीं तरसे | |
+ | सूनापन चहका-चहका | ||
+ | चिड़िया चहकी आँगन की | ||
− | + | रूनक-झुनक-झुन पायल की | |
− | + | बूँदों की रुनझुन-रूनझुन | |
− | + | सगुन हो रहे क्षण-क्षण पर | |
− | + | स्वस्तिक सजा, मिटा असगुन | |
− | + | घड़ी-घड़ी पर छवि निरखूँ | |
− | + | अपने जिया-जुड़ावन की | |
− | + | उमड़ रही जामुनी घटा | |
− | + | सजता आँखों का काजल | |
− | + | हरी-हरी पगडंडी पर | |
− | + | मौसम है श्यामल-श्यामल | |
− | + | रूप इंद्रधनु खिला-खिला | |
− | + | हुई समस्या दरपन की | |
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− | उमड़ रही जामुनी घटा | + | |
− | सजता आँखों का काजल | + | |
− | हरी-हरी पगडंडी पर | + | |
− | मौसम है श्यामल-श्यामल | + | |
− | रूप इंद्रधनु खिला-खिला | + | |
− | हुई समस्या दरपन की< | + |
13:22, 30 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
अभिवादन बादल-बादल
ख़बर लिये वन-उपवन की
कितने आशीर्वाद लिये
पहली बरखा सावन की
बरस-बरस हैं घन बरसे
अब की भी घुमड़े बरसे
लेकिन पिछली ऋतु जैसे
मन के हिरन नहीं तरसे
सूनापन चहका-चहका
चिड़िया चहकी आँगन की
रूनक-झुनक-झुन पायल की
बूँदों की रुनझुन-रूनझुन
सगुन हो रहे क्षण-क्षण पर
स्वस्तिक सजा, मिटा असगुन
घड़ी-घड़ी पर छवि निरखूँ
अपने जिया-जुड़ावन की
उमड़ रही जामुनी घटा
सजता आँखों का काजल
हरी-हरी पगडंडी पर
मौसम है श्यामल-श्यामल
रूप इंद्रधनु खिला-खिला
हुई समस्या दरपन की