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"लड़की / वंशी माहेश्वरी" के अवतरणों में अंतर

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01:29, 18 सितम्बर 2007 के समय का अवतरण

वह नहीं जानती

उस का होना

इतना दुष्कर होगा

वह नहीं जानती

वह आदमी कब उसके शरीर में छिप गया

जो निरन्तर उसे अपमानित और परास्त कर रहा है


उस का उत्साह

निश्चित ताक़तवर है वह जानती है

उस की आक्रमण मुद्रा में

कौन-सा डर दुबक गया है

जो उसे अन्दर तक खाली कर रहा है