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"लड़की / वंशी माहेश्वरी" के अवतरणों में अंतर
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वह नहीं जानती
उस का होना
इतना दुष्कर होगा
वह नहीं जानती
वह आदमी कब उसके शरीर में छिप गया
जो निरन्तर उसे अपमानित और परास्त कर रहा है
उस का उत्साह
निश्चित ताक़तवर है वह जानती है
उस की आक्रमण मुद्रा में
कौन-सा डर दुबक गया है
जो उसे अन्दर तक खाली कर रहा है