भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तूने ओ रँगीले कैसा जादू किया / मजरूह सुल्तानपुरी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मजरूह सुल्तानपुरी }} {{KKCatGeet}} <poem> तू ने ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
{{KKCatGeet}} | {{KKCatGeet}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया | + | तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया |
− | + | पिया! पिया!! बोले मतवाला जिया | |
− | + | बाँहों में छुपा के ये क्या किया? | |
− | + | ओ रे पिया! ओ ... | |
− | ओ रे पिया ओ ... | + | |
− | + | ||
− | + | ||
पास बुला के, गले से लगा के | पास बुला के, गले से लगा के | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 14: | ||
नए हैं नज़ारे, नए हैं इशारे | नए हैं नज़ारे, नए हैं इशारे | ||
रही नो वो कल वाली दुनिया | रही नो वो कल वाली दुनिया | ||
− | सपने दिखाके तू ने ये क्या किया | + | सपने दिखाके तू ने ये क्या किया? |
− | ओ रे पिया ओ ... | + | ओ रे पिया! ओ ... |
+ | |||
तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया | तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया | ||
− | + | पिया पिया बोले मतवाला जिया | |
+ | |||
+ | ओ मेरे साजन! कैसी ये धड़कन | ||
+ | शोर मचाने लगी मन में | ||
+ | जैसे लहराए नदिया का पानी | ||
+ | लहर उठे रे मेरे तन में | ||
+ | मुझ में समा के ये क्या किया? | ||
+ | ओ रे पिया! ओ ... | ||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
− | |||
तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया | तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया | ||
− | + | पिया! पिया!! बोले मतवाला जिया | |
− | + | बाँहों में छुपा के ये क्या किया? | |
− | + | ओ रे पिया! ओ ... | |
− | ओ रे पिया ओ ... | + | |
</poem> | </poem> |
16:58, 25 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण
तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
पिया! पिया!! बोले मतवाला जिया
बाँहों में छुपा के ये क्या किया?
ओ रे पिया! ओ ...
पास बुला के, गले से लगा के
तू ने तो बदल डाली दुनिया
नए हैं नज़ारे, नए हैं इशारे
रही नो वो कल वाली दुनिया
सपने दिखाके तू ने ये क्या किया?
ओ रे पिया! ओ ...
तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
पिया पिया बोले मतवाला जिया
ओ मेरे साजन! कैसी ये धड़कन
शोर मचाने लगी मन में
जैसे लहराए नदिया का पानी
लहर उठे रे मेरे तन में
मुझ में समा के ये क्या किया?
ओ रे पिया! ओ ...
तू ने ओ रँगीले कैसा जादू किया
पिया! पिया!! बोले मतवाला जिया
बाँहों में छुपा के ये क्या किया?
ओ रे पिया! ओ ...