"ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे / मजरूह सुल्तानपुरी" के अवतरणों में अंतर
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− | ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे | + | ओ मेरे सोना रे! सोना रे! सोना रे ! |
− | दे | + | दे दूँगी जान जुदा मत होना रे |
− | + | मैने तुझे ज़रा देर में जाना | |
− | हुआ कुसूर | + | हुआ कुसूर ख़फ़ा मत होना रे |
− | ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे | + | ओ मेरे सोना रे! सोना रे! सोना रे! |
ओ मेरी बाँहों से निकलके | ओ मेरी बाँहों से निकलके | ||
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ओ मेरे ... | ओ मेरे ... | ||
− | ओ | + | ओ मियाँ हमसे न छिपाओ |
− | वो बनावट कि सारी | + | वो बनावट कि सारी अदाएँ लिए |
कि तुम इसपे हो इतराते | कि तुम इसपे हो इतराते | ||
− | कि मैं पीछे हूँ सौ | + | कि मैं पीछे हूँ सौ इल्तिज़ाएँ लिए |
− | जी मैं | + | जी मैं ख़ुश हूँ मेरे सोना |
झूठ है क्या, सच कहो ना | झूठ है क्या, सच कहो ना | ||
कि मैं भी साथ रहूँगी रहोगे जहाँ | कि मैं भी साथ रहूँगी रहोगे जहाँ | ||
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नहीं लट और उलझन में पड़ जाएगी | नहीं लट और उलझन में पड़ जाएगी | ||
ओ पछताओगी कुछ ऐसे | ओ पछताओगी कुछ ऐसे | ||
− | कि ये | + | कि ये सुर्ख़ी लबों की उतर जाएगी |
ये सज़ा तुम भूल न जाना | ये सज़ा तुम भूल न जाना | ||
प्यार को ठोकर मत लगाना | प्यार को ठोकर मत लगाना | ||
− | कि चला | + | कि चला जाऊँगा फिर मैं न जाने कहाँ |
ओ मेरे ... | ओ मेरे ... | ||
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17:01, 25 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण
ओ मेरे सोना रे! सोना रे! सोना रे !
दे दूँगी जान जुदा मत होना रे
मैने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर ख़फ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे! सोना रे! सोना रे!
ओ मेरी बाँहों से निकलके
तू अगर मेरे रस्ते से हट जाएगा
तो लहराके, हो बलखाके
मेरा साया तेरे तन से लिपट जाएगा
तुम छुड़ाओ लाख दामन
छोड़ते हैं कब ये अरमां
कि मैं भी साथ रहूँगी रहोगे जहाँ
ओ मेरे ...
ओ मियाँ हमसे न छिपाओ
वो बनावट कि सारी अदाएँ लिए
कि तुम इसपे हो इतराते
कि मैं पीछे हूँ सौ इल्तिज़ाएँ लिए
जी मैं ख़ुश हूँ मेरे सोना
झूठ है क्या, सच कहो ना
कि मैं भी साथ रहूँगी रहोगे जहाँ
ओ मेरे ...
ओ फिर हमसे न उलझना
नहीं लट और उलझन में पड़ जाएगी
ओ पछताओगी कुछ ऐसे
कि ये सुर्ख़ी लबों की उतर जाएगी
ये सज़ा तुम भूल न जाना
प्यार को ठोकर मत लगाना
कि चला जाऊँगा फिर मैं न जाने कहाँ
ओ मेरे ...