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कल रात इक रईस की बाँहों में झूमकर, | कल रात इक रईस की बाँहों में झूमकर, | ||
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− | + | मैं जा रहा था अपने खयालात में मगन, | |
− | + | हल्की-सी एक चीख़ फ़ज़ाओं में4 खो गई। | |
+ | कल रात इक किसान के घर से धुआँ उठा, | ||
+ | बस्ती में ग़लग़ला5-सा हुआ-आग लग गई, | ||
+ | इस रंज से किसान का दिल पाश-पाश था, | ||
+ | रक्साँ6 थी चौधरी के लबों पर मगर हँसी। | ||
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1.अत्यन्त दुख के साथ 2.क्रोधवश 3.सम्मुख 4.वातावरण 5.शोर 6.नृत्यशील | 1.अत्यन्त दुख के साथ 2.क्रोधवश 3.सम्मुख 4.वातावरण 5.शोर 6.नृत्यशील |
17:52, 30 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण
कल रात इक रईस की बाँहों में झूमकर,
लौटी तो घर किसान की बेटी ब-सद मलाल1
ग़ैज़ो-ग़जब से2 बाप का खूँ खौलने लगा,
दरपेश3 आज भी था मगर पेट का सवाल।
कल रात इक सड़क पे कोई नर्म-नर्म शै,
बेताब मेरे पाँव की ठोकर से हो गई,
मैं जा रहा था अपने खयालात में मगन,
हल्की-सी एक चीख़ फ़ज़ाओं में4 खो गई।
कल रात इक किसान के घर से धुआँ उठा,
बस्ती में ग़लग़ला5-सा हुआ-आग लग गई,
इस रंज से किसान का दिल पाश-पाश था,
रक्साँ6 थी चौधरी के लबों पर मगर हँसी।
1.अत्यन्त दुख के साथ 2.क्रोधवश 3.सम्मुख 4.वातावरण 5.शोर 6.नृत्यशील