"वह देश कौन सा है / रामनरेश त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर
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− | मन | + | मन-मोहिनी प्रकृति की गोद में जो बसा है। |
− | सुख स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा | + | सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है? |
जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है। | जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है। | ||
− | जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा | + | जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है? |
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं। | नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं। | ||
− | सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा | + | सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है? |
− | जिसके बड़े रसीले फल कंद नाज मेवे। | + | जिसके बड़े रसीले फल, कंद, नाज, मेवे। |
− | सब अंग में सजे हैं वह देश कौन-सा | + | सब अंग में सजे हैं, वह देश कौन-सा है? |
जिसमें सुगंध वाले सुंदर प्रसून प्यारे। | जिसमें सुगंध वाले सुंदर प्रसून प्यारे। | ||
− | दिन रात हँस रहे है वह देश कौन-सा | + | दिन रात हँस रहे है वह देश कौन-सा है? |
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+ | मैदान, गिरि, वनों में हरियालियाँ लहकती। | ||
+ | आनंदमय जहाँ है वह देश कौन-सा है? | ||
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+ | जिसकी अनंत धन से धरती भरी पड़ी है। | ||
+ | संसार का शिरोमणि वह देश कौन-सा है? | ||
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+ | सब से प्रथम जगत में जो सभ्य था यशस्वी। | ||
+ | जगदीश का दुलारा वह देश कौन-सा है? | ||
− | + | पृथ्वी-निवासियों को जिसने प्रथम जगाया। | |
− | + | शिक्षित किया सुधारा वह देश कौन-सा है? | |
− | + | जिसमें हुए अलौकिक तत्वज्ञ ब्रह्मज्ञानी। | |
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13:22, 9 दिसम्बर 2011 का अवतरण
मन-मोहिनी प्रकृति की गोद में जो बसा है।
सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है?
जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है?
जिसके बड़े रसीले फल, कंद, नाज, मेवे।
सब अंग में सजे हैं, वह देश कौन-सा है?
जिसमें सुगंध वाले सुंदर प्रसून प्यारे।
दिन रात हँस रहे है वह देश कौन-सा है?
मैदान, गिरि, वनों में हरियालियाँ लहकती।
आनंदमय जहाँ है वह देश कौन-सा है?
जिसकी अनंत धन से धरती भरी पड़ी है।
संसार का शिरोमणि वह देश कौन-सा है?
सब से प्रथम जगत में जो सभ्य था यशस्वी।
जगदीश का दुलारा वह देश कौन-सा है?
पृथ्वी-निवासियों को जिसने प्रथम जगाया।
शिक्षित किया सुधारा वह देश कौन-सा है?
जिसमें हुए अलौकिक तत्वज्ञ ब्रह्मज्ञानी।