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"वसन्त / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

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वही आदर्श मौसम
 
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और मन में कुछ टूटता-सा :
 
और मन में कुछ टूटता-सा :
अनुभव से जो जानता हूँ कि यह वसन्त है।
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अनुभव से जो जानता हूँ कि यह वसन्त है ।
  
 
(1953)
 
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20:51, 17 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

वही आदर्श मौसम
और मन में कुछ टूटता-सा :
अनुभव से जो जानता हूँ कि यह वसन्त है ।

(1953)