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"आज पहली बात / भारत भूषण" के अवतरणों में अंतर

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आज पहली बात पहली रात साथी
 
 
चाँदनी ओढ़े धरा सोई हुई है
 
श्याम अलकों में किरण खोई हुई है
 
प्यार से भीगा प्रकृति का गात साथी
 
आज पहली बात पहली रात साथी
 
 
मौन सर में कंज की आँखें मुंदी हैं
 
गोद में प्रिय भृंग हैं बाहें बँधी हैं
 
दूर है सूरज, सुदूर प्रभात साथी
 
आज पहली बात पहली रात साथी
 
 
आज तुम भी लाज के बंधन मिटाओ
 
खुद किसी के हो चलो अपना बनाओ
 
है यही जीवन, नहीं अपघात साथी
 
आज पहली बात पहली रात साथी
 
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14:01, 18 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

आज पहली बात पहली रात साथी

चाँदनी ओढ़े धरा सोई हुई है
श्याम अलकों में किरण खोई हुई है
प्यार से भीगा प्रकृति का गात साथी
आज पहली बात पहली रात साथी

मौन सर में कंज की आँखें मुंदी हैं
गोद में प्रिय भृंग हैं बाहें बँधी हैं
दूर है सूरज, सुदूर प्रभात साथी
आज पहली बात पहली रात साथी

आज तुम भी लाज के बंधन मिटाओ
खुद किसी के हो चलो अपना बनाओ
है यही जीवन, नहीं अपघात साथी
आज पहली बात पहली रात साथी