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"जुल्फ अँगड़ाई तबस्सुम चाँद आइना गुलाब / अदम गोंडवी" के अवतरणों में अंतर
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भुखमरी के मोर्चे पर ढल गया इनका शबाब | भुखमरी के मोर्चे पर ढल गया इनका शबाब | ||
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पेट के भूगोल में उलझा हुआ है आदमी | पेट के भूगोल में उलझा हुआ है आदमी | ||
| − | इस अहद में किसको फुर्सत है पढ़े दिल की | + | इस अहद में किसको फुर्सत है पढ़े दिल की क़िताब |
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| + | डाल पर मज़हब की पैहम खिल रहे दंगों के फूल | ||
| + | सभ्यता रजनीश के हम्माम में है बेनक़ाब | ||
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चार दिन फुटपाथ के साये में रहकर देखिए | चार दिन फुटपाथ के साये में रहकर देखिए | ||
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10:08, 19 दिसम्बर 2011 का अवतरण
जुल्फ-अंगडाई-तबस्सुम-चाँद-आईना-गुलाब
भुखमरी के मोर्चे पर ढल गया इनका शबाब
पेट के भूगोल में उलझा हुआ है आदमी
इस अहद में किसको फुर्सत है पढ़े दिल की क़िताब
इस सदी की तिश्नगी का ज़ख़्म होंठों पर लिए
बेयक़ीनी के सफ़र में ज़िंदगी है इक अजाब
डाल पर मज़हब की पैहम खिल रहे दंगों के फूल
सभ्यता रजनीश के हम्माम में है बेनक़ाब
चार दिन फुटपाथ के साये में रहकर देखिए
डूबना आसान है आँखों के सागर में जनाब
