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"आलोक हो जितना / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर

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ख़ुद को पाना हो जब ?
 
ख़ुद को पाना हो जब ?
 
 
13 जुलाई 2009
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11 जनवरी 2010
 
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12:33, 23 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

कितना उदास फीका रहता है
                        वह
न हो आलोक जो
                उस पर
आलोक हो जितना
उतना ख़ुद को खोता जाता है
                        रँग

क्या करे लेकिन रँग—
खो जाना ही
ख़ुद को पाना हो जब ?

11 जनवरी 2010