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"पनघट / मख़्मूर सईदी" के अवतरणों में अंतर

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01:15, 31 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

गाँव की फ़िज़ाओं में, डोलती हवाओं में
नग़्मगी मचलती है, मस्तियाँ सनकती हैं
इक शरीर आहट पर, पुरसुकून पनघट पर
गागरें छलकती हैं, चूड़ियाँ छनकती हैं
सिलसिले रक़ाबत के दूर तक पहुँचते हैं
ज़ंगख़ुर्दा तलवारें देर तक खनकती हैं ।